संगत कीजै निर्मल साध री मारी हैली भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
संगत कीजै निर्मल
साध री मारी हैली
आवागमन मिट जाये
थारो जन्म मरण मिट जाये।।
चन्दन उगो रे
हरिया बाग में मारी हैली
खुशी होइ रे वनराय
आप सुगन्ध ओरो ने
करे मारी हैली
सुगन्ध घणी अंग माय।।
बांस उगो रे
डरे डुंगरे मारी हैली
झुरन लागी वनराय
आप बले ओरो ने
बाले मारी हैली
कपट गांठ अंग माय।।
दव लागो डरे
डुंगरे मारी हैली
मिल गई झालो झाल
ओर सब पंखैरू
उङ गया मारी हैली
हंस राज बैठा आय।।
चन्दन हंस
मुख बोलीया मारी हैली
थे क्यू जलो हंसराज
मै तो जला पांखा
बायरा मारी हैली
जङा पियाला माय।।
फल खाया ने
पान तोङीया मारी हैली
रमीया डालो डाल
थे जलो ने मै क्यू
उबरा मारी हैली
जिवणो कितरा काल।।
चन्दन हंस रो प्रेम
देख ने मारी हैली
दुधा बरसीयो मैह
कैवे कबीर सा
धरमीदास ने मारी हैली
नित नित नवला वैश।।
संगत कीजै निर्मल
साध री मारी हैली
आवागमन मिट जाये
थारो जन्म मरण मिट जाये।।
स्वर प्रकाश माली जी।
प्रेषक राकेश कुमार प्रजापत
समदड़ी फोन 9460669324
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