संदेसा आ गया यम का चलन की कर तैयारी है भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
संदेसा आ गया यम का
चलन की कर तैयारी है।।
बाल सिर के हुए धोले
सफेदी आँख पर छाई
कान से हो गया बेहरा
दाँत हिलना भी जारी है
संदेसा आ गया जम का
चलन की कर तैयारी है।।
कमर सब हो गई कुबड़ी
चले लकड़ी सहारे से
गई सब देह की ताकत
लगी तन में बीमारी है
संदेसा आ गया जम का
चलन की कर तैयारी है।।
छुटी सब प्रीत तिरिया की
पुत्र सब हो गये न्यारे
बने सब मतलब के साथी
झूठ लोकन की यारी है
संदेसा आ गया जम का
चलन की कर तैयारी है।।
करो जगदीश का सुमिरण
भरोसा राख कर मन में
वो ब्रह्मानन्द है तेरा
एक ही सहायकारी है
संदेसा आ गया जम का
चलन की कर तैयारी है।।
संदेसा आ गया यम का
चलन की कर तैयारी है।।
स्वर प्रकाश गाँधी।
sandesha aa gaya yam ka chalan ki karo taiyari hai lyrics