सांची बोलूं तो म्हारे परिवार ने तू ही संभाले रे भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










सांची बोलूं तो म्हारे परिवार ने
तू ही संभाले रे सांची बोलूं तो
तू खर्चों भेजे तो घर को
तू खर्चों भेजे तो घर को
चौको चाले रे सांची बोलूं तो।।
तर्ज धमाल।


तू ही मालिक घर को मैं
थारो ही हुकुम बजावा रे
थारी मर्जी बिन इ घर में
पत्तो न हाले रे
साँची बोलूं तो
साँची बोलूं तो म्हारे परिवार ने
तू ही संभाले रे साँची बोलूं तो।।


थारे ही सर पे म्हारे परिवार
की जिम्मेदारी है
ब्याह ठीचा भी घर का सगला
तू ही संभाले रे
साँची बोलूं तो
साँची बोलूं तो म्हारे परिवार ने
तू ही संभाले रे साँची बोलूं तो।।









तेरे होते सोते म्हारो तो
कोई के कर लेसी
आने से पहले ही म्हारा
तू संकट टाले रे
साँची बोलूं तो
साँची बोलूं तो म्हारे परिवार ने
तू ही संभाले रे साँची बोलूं तो।।


कदे कदे मैं सोचूं तू ना हो तो
म्हारो कई हो तो
सोनू खुद से ना चलतो
परिवार यो म्हारो रे
साँची बोलूं तो
साँची बोलूं तो म्हारे परिवार ने
तू ही संभाले रे साँची बोलूं तो।।


सांची बोलूं तो म्हारे परिवार ने
तू ही संभाले रे सांची बोलूं तो
तू खर्चों भेजे तो घर को
तू खर्चों भेजे तो घर को
चौको चाले रे सांची बोलूं तो।।
स्वर प्रेषक जया पवन आचार्य।
लेखक सुनील गुप्ता सोनु।










sanchi bolun to mhare parivar ne tu hi sambhale re lyrics