साँचा तेरा दरबार सांवरे भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
साँचा तेरा दरबार सांवरे
महसूस ये हमने किया है साँवरे
साँचा तेरा दरबार साँवरे।।
तर्ज पलकों का घर।
तेरह पेड़ी चढ़ कर तेरे
दर्शन जब होते है
रोम रोम मेरा हर्ष उठे
जब तुमसे नैन लडे है
भूलूँ सारी मैं चिंता
ये जग की साँवरे
साँचा तेरा दरबार साँवरे।।
जो भी तेरे दर पे आता
वो तेरा हो जाता
बिन माँगे सब कुछ तू देता
लखदातार कुहाता
मैंने बनते ही देखे हैं
बिगड़े काम रे
साँचा तेरा दरबार साँवरे।।
बेफीकर हूँ अब मैं बाबा
तुम जो साथ हो मेरे
हँसते हँसते मै चलता हूँ
तुम जो माँझी मेरे
मोहित जग की नहीं है
दरकार साँवरे
साँचा तेरा दरबार साँवरे।।
औक़ात नहीं थी कुछ भी मेरी
तुमने गले लगाया
बाथीं भर कर मुझको बाबा
मेरा साथ निभाया
अब तो जीवन मेरा
ख़ुशहाल साँवरे
साँचा तेरा दरबार साँवरे।।
साँचा तेरा दरबार सांवरे
महसूस ये हमने किया है साँवरे
साँचा तेरा दरबार साँवरे।।
9460316507
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