समझ मन मायला रे बीरा हरी विसरिया दुख पाए लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










समझ मन मायला रे बीरा
हरी विसरिया दुख पाए
हरी विसरिया दुख पाए वीरा
राम विसर दुख पाय
समझ मन मायला रे वीरा
हरी विसरिया दुख पाए।।


धन रे कारण फिरे भटकतो
देशविदेश जाए वीरा
देशविदेश जाए
अंत समय तेरे काम ना आए
अंत समय तेरे काम ना आए
खाली रे हाता जाए
समझ मन मायला रे वीरा
हरी विसरिया दुख पाए।।


डोडी बांधे पाखड़ी रे वीरा
मुछा के ताव लगाए
हो वीरा मुछा के ताव लगाए
धरती दूजे चालता जी
काल पकड़ ले जाए
समझ मन मायला रे वीरा
हरी विसरिया दुख पाए।।


नित नावे साबुन से रे वीरा रे
इत्र फुलेल लगाए
ओ बीरा इत्र फुलेल लगाए
सजी रे सजाई फुतली रे वीरा
सजी रे सजाई फुतली रे
माटी में मिल जाए
समझ मन मायला रे वीरा
हरी विसरिया दुख पाए।।









राम नाम नहीं भावे रे मनवा
नहीं सत्संग में जाए
हो वीरा नहीं सत्संग में जाए
अंत समय पछताएगा रे
हरि से हैत लगा ले
समझ मन मायला रे वीरा
हरी विसरिया दुख पाए।।


समझ मन मायला रे बीरा
हरी विसरिया दुख पाए
हरी विसरिया दुख पाए वीरा
राम विसर दुख पाय
समझ मन मायला रे वीरा
हरी विसरिया दुख पाए।।
गायक रामकुमार जी मालुनि।
प्रेषक शेरा लाखेरी जिला बूंदी
88900 68460










samajh man mayla re beera hari bisariya dukh paye lyrics