सालासर में बाबा का जो दरबार ना होता भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
सालासर में बाबा का जो
दरबार ना होता
हम भक्तों का फिर बेड़ा
कभी भी पार ना होता।।
तर्ज दिल दीवाने का डोला।
सालासर में भक्तों की
आशाएं कौन उगाता
मेहंदीपुर में कष्टों का
फिर साया कौन भगाता
दुख ही दुख होता
दुख ही दुख होता
सुख का कोई आधार ना होता
हम भक्तों का फिर बेड़ा
कभी भी पार ना होता।।
मिलती ना कोई मंजिल
सब रहते बीच डगर में
तूफानों में कोई नईया
फसती है जैसे भंवर में
वो नईया डूबे जिसका
वो नईया डूबे जिसका
खेवनहार ना होता
हम भक्तों का फिर बेड़ा
कभी भी पार ना होता।।
सब करते रहते निंदा
आपस में एक दूजे की
और कोई कभी ना कहता
के भाई जय बाबा की
सोनी आपस में
सोनी आपस में
किसी का कभी प्यार ना होता
हम भक्तों का फिर बेड़ा
कभी भी पार ना होता।।
सालासर में बाबा का जो
दरबार ना होता
हम भक्तों का फिर बेड़ा
कभी भी पार ना होता।।
स्वर विकास बागड़ी।
salasar me baba ka jo darbar na hota lyrics