सखी सपने में राते मिल गए सांवरिया भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
सखी सपने में राते
मिल गए सांवरिया
नींद खुली बिछुड़न हो गए।।
जिन अखियन
अखियां तरस गई
उन अखियन से
मिल गई है राते नजरिया
नींद खुली बिछुड़न हो गए।।
सखी अखियन में
अब तक झूल रहे
मोरे दिल में
बना गए वे प्रेम नगरिया
नींद खुली बिछुड़न हो गए।।
सखी सपने को हाल
सुन साचो
राते ले लई है
प्रीतम ने मोरी खबरिया
नींद खुली बिछुड़न हो गए।।
पीके कौन जतन
हरी आन मिले
हरी के लाने सजाई है
सुंदर सिजरिया।
नींद खुली बिछड़न हो गए।।
सखी सपने में राते
मिल गए सांवरिया
नींद खुली बिछुड़न हो गए।।
प्रेषक दुर्गा प्रसाद पटेल।
९७१३३१५८७३
sakhi sapne mein raate mil gaye sawariya lyrics