साधु भाई निर्गुण खेल हमारा भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
साधु भाई निर्गुण खेल हमारा
छंद क्या पूछो गम अगम की
रहत वचन के पार
जिभ्या पर आवे नहीं
बेरंग एक अपार।
बेरंग एक अपार
जिन का सकल पसारा
गुरु चश्मा लगा कर देखिये
जहाँ तक हंस हमारा।
उमाराम निर्दोष हैं
बाणी करे पुकार
क्या पूछो गम अगम की
रहत वचन के पार।
साधु भाई निर्गुण खेल हमारा
खट दर्शन साधु सब सुण जो
अन अक्षर किरतारा।।
कंठ बिना राग छतीसु छेड़ी
पग बिनाखेल सुधारा
आंधा अगम अगोचर निरख्या
बहरा सुण दो धारा
साधु भाईं निर्गुण खेल हमारा
खट दर्शन साधु सब सुण जो
अन अक्षर किरतारा।।
नीले पपीले राय पचीस का
तीनों खोज बिचारा
दर्शया गेब गुरु का ध्याना
प्रगट कुतबु बिन सारा
साधु भाईं निर्गुण खेल हमारा
खट दर्शन साधु सब सुण जो
अन अक्षर किरतारा।।
अखेह अजाति सब का संगी
बेरंग ब्रह्म विचारा
चेतन थहिया एक रस आदु
वो निर्लिप्त निरकारा
साधु भाईं निर्गुण खेल हमारा
खट दर्शन साधु सब सुण जो
अन अक्षर किरतारा।।
शोध स्वरूप आतम नित केवल
नाम रूप से न्यारा
उमाराम ने सुजिया न भव की
प्रगट करू पुकारा
साधु भाईं निर्गुण खेल हमारा
खट दर्शन साधु सब सुण जो
अन अक्षर किरतारा।।
साधु भाईं निर्गुण खेल हमारा
खट दर्शन साधु सब सुण जो
अन अक्षर किरतारा।।
गायक संत भजनानंद जी।
प्रेषक रामेश्वर लाल पँवार आकाशवाणी सिंगर
9785126052
sadhu bhai nirgun khel hamara lyrics