साधो भाई या मन कि बदमाशी अपनी इज्जत ने धूल में मिलावे - MadhurBhajans मधुर भजन
साधो भाई या मन कि बदमाशी
अपनी इज्जत ने धूल में मिलावे
गणी करावे हांसी।।
यो मन तो भाई तीर्थ करावे
ले जावे मथुरा काशी
यो ही मन जेल में बिठावे
गले लगावे फांसी।।
यो मन तो पूजा करावे
गले फूल पहरासी
यो ही मन जूता मेलावे
धौला में धूलो नकासी।।
यो मन तो भाई हाथी पर बिठावे
गणा चंवर ढुलासी
यो ही मन गधा पर बिठावे
मुंडो कालो करासी।।
यो मन बस कोई बिरला किदो
वाको नाम अमर रह जासी
मन जो भान्दू घूम गयो तो
लख चौरासी में जासी।।
गोकुल स्वामी सतगुरु देवा
भीण भीण कर समझासी
लादूदास कहे दुःख नरक को
सहज सहियो नही जासी।।
साधो भाई या मन कि बदमाशी
अपनी इज्जत ने धूल में मिलावे
गणी करावे हांसी।।
भजन गायक चम्पा लाल प्रजापति।
मालासेरी डूँगरी 8947915979
sadho bhai ya man ki badmashi lyrics