साधो भाई अवगत लखियो ना जाई निर्गुण बाणी लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
साधो भाई अवगत
लखियो ना जाई।
दोहा शब्दा मारिया मर गया
शब्दा छोड़या राज
जीण जिण शब्द विचारिया
ज्यारा सरिया काज।
कौन जगादे ब्रह्म को
कौन जगादे जीव
कौन जगादे शब्द को
कौन मिलादे पीव।
एक विरह जगादे ब्रह्म को
विरह जगादे जीव
यो सेन मिलादे शब्द को
और सूरत मिलादे पीव।
साधो भाई अवगत
लखियो ना जाई
जे लखसी कोई सन्त सूरवा
नूर में नूर समाई
साधों भाई अवगत
लखियो ना जाई।।
जैसे चन्द उधव में दरशे
ईयू सायब सब माई
दे चश्मा घट भीतर देख्या
नूर निरन्तर माई
साधों भाई अवगत
लखियो ना जाई।।
दूर सूं दूर उरे सु उरेरा
हर हिरदा रे माई
सपने नार गमायो बालक
पड़ी हैं जबवा वाई
साधों भाई अवगत
लखियो ना जाई।।
ममता मेटी मिल्यो मोहन सूं
गुरु से गुरुगम पाई
कह बन्नानाथ सुणो भाई साधु
अब कछु धोखा नाई
साधों भाई अवगत
लखियो ना जाई।।
साधों भाई अवगत
लखियो ना जाई
जे लखसी कोई सन्त सूरवा
नूर में नूर समाई
साधों भाई अवगत
लखियो ना जाई।।
गायक श्री हरलाल सिंह।
प्रेषक रामेश्वर लाल पँवार।
आकाशवाणी सिंगर।
9785126052
sadho bhai avagat lakhiyo na jayi lyrics