सब तीरथ कर आई तुम्बडिया भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










सब तीरथ कर आई तुम्बडिया
गंगा नाई गोमती नाई
अडसठ तीरथ धाई
नित नित उठ मंदिर में आई
तो भी ना गई कडवाई तुम्बडिया
सब तीरथ कर आई तुम्बडिया।।


सतगुरु संत के नज़र चढ़ी जब
अपने पास मंगाई
काट कुट कर साफ़ बनाई
अंदर राख मिलाई तुम्बडिया
सब तीरथ कर आई तुम्बडिया।।


राख मिलाकर पाक बनाई
तबतो गई कडवाई
अमृत जल भर लाई तुंबडीया
संतन के मन भाई तुम्बडिया
सब तीरथ कर आई तुम्बडिया।।


ये बाता सब सत्य सुनाई
झूठ नहीँ रे मेरे भाई
दास सतार तुंबडीया फिर तो
करती फ़िरे ठकुराई तुम्बडिया
सब तीरथ कर आई तुम्बडिया।।









सब तीरथ कर आई तुम्बडिया
गंगा नाई गोमती नाई
अडसठ तीरथ धाई
नित नित उठ मंदिर में आई
तो भी ना गई कडवाई तुम्बडिया
सब तीरथ कर आई तुम्बडिया।।




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