सब छोड़ शरण में आ तू श्याम की भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
जग में हार मिले तुझको
वक्त की मार पड़े तुझको
सब छोड़ शरण में आ
तू श्याम की
गर तेरी लाज बचानी हो
या बिगड़ा काज बचाना हो
सब छोड शरण में आ
तू श्याम की।।
तर्ज जब कोई बात।
हो जब चारो ओर अँधेरा
कोई मिले ना साथी तेरा
विश्वास श्याम पे रखना
ना फिरना डेरा डेरा
रोशन हो जाएगा
फ़ौरन हो जाएगा
सब छोड शरण में आ
तू श्याम की।।
राहों में जो हो उलझन
पल में सुलझ जाएगी
तुझे श्याम के चरणों में
तेरी मंजिल मिल जाएगी
तक़दीर बदलनी हो
तदबीर बदलनी हो
सब छोड शरण में आ
तू श्याम की।।
खाटू से बैठे बैठे
सरकार चलाता है
बिट्टू तू फिकर ना करना
परिवार चलाता है
तुझको संभालेगा
जीवन संवारेगा
सब छोड शरण में आ
तू श्याम की।।
जग में हार मिले तुझको
वक्त की मार पड़े तुझको
सब छोड़ शरण में आ
तू श्याम की
गर तेरी लाज बचानी हो
या बिगड़ा काज बचाना हो
सब छोड शरण में आ
तू श्याम की।।
sab chod sharan me aa tu shyam ki lyrics