सातम ने सोमवार सलके जी झाली रे शिव री सेवना - MadhurBhajans मधुर भजन
सातम ने सोमवार
दोहा जल शीश ज्यूँ थल मुंडा
कामण लम्बे केश
सन्त शूरा निपजावती
धिन मालाणी देश।
सातम ने सोमवार
सलके जी झाली रे शिव री सेवना।।
सलके जी ने मिलिया भोलेनाथ
सलके जी ने दीनो मोबी दीकरो
भरियो मोतीड़े वालो थाल
साऱी गलियों में गुड़ वेंटियो
जाइजो जाइजो जोशी रे दरबार
जावे जोशी ने वेगो लावजो।।
नहीँ जोणों म्हे जोशी रो दरबार
केड़े एलोणे घर ओलखों
आंगणे ऊबी है नागरवेल
बारणे जोशी रे पारस पीपली।।
सुतां होवो तो अरा जाग
बैठा होवो तो बायर आवजो
कावण पड़ियो म्हारे सुं रे काम
किण रे कामां सुं हेलो मारियो।।
हालणों कोई रावले दरबार
नैना कंवर रा नगतर देखणा
आया जोशी रावले दरबार
जोशी ने वधाया मूंगे मोतीये।।
खोलो थोंरा वेद ने पुराण
जूना जुगों रा खोलो टीपणा
सोखी रे घड़ियों ने सोखो वार
सोखा नगतरिये कंवर जनमियो।।
करसी मालाणी वालो राज
नाम देरावो रावल मालजी
ज्यूँ तारों में शोभे चन्द्र भोण
ज्यूँ फौजों में शोभे रावल मालजी।।
अमर रहिजो मेवा रा माल
अमर रहिजो मेवा रा मौनवी
माला फेरी आप अपार
रूपादे धारुजी ज्यांरे साथ में।।
सांतम ने सोमवार
सलके जी झाली रे शिव री सेवना
सांतम ने सोमवार
सलके जी झाली रे शिव री सेवना।।
गायक लक्ष्मण तंवर करना।
प्रेषक दिनेश पांचाल बुड़ीवाड़ा
8003827398
saatam ne somwar salke jhali re shiv ri sevna lyrics