रूणिचा खुडियावास माई बाबो रामदेव जी विराजे रै - MadhurBhajans मधुर भजन










रूणिचा खुडियावास माई
बाबो रामदेव जी विराजे रै।
दोहा गांव रूणिचाँ रै माईने
बाबा रो मंन्दिर जोर
मनोहर आयो थारै देवरे
म्हारो दुखडो मिटाज्यो ओर।


झांलर शंख नगारा बाजै रे
रूणिचाँ खुडियावास माई
बाबो रामदेव जी विराजे रै
रामदेव विराजे रै
बाबो रामदेव जी विराजे रै।।


भारत राजस्थान में
रूणिचो खुडियावास दो धाम
सूरज सामो बणियो देवरो
बाबा जी रो धाम
जाकी लाल ध्वजा
जाकी धोली ध्वजा
जाकी हरी ध्वजा लहरावै रै
रूणिचाँ खुडियावास माई
बाबो रामदेव जी विराजे रै।।









नारेला रा गिणती कोनी
सुवर्ण छत्र अपार
नारेला री गिणती कोनी
ढोला री झंणकार
नर नारी जोड़ा से आवै
ढोके नर नार
बाबो बेड़ा पार लगावै रै
रूणिचाँ खुडियावास माई
बाबो रामदेव जी विराजे रै।।


भादुड़े री दूज बाबा
मेलो लागे अति भारी
नर नारी जोड़ा से आवै
आवै बारी बारी
थारै जात जडूलाँ ल्यावैं रै
रूणिचाँ खुडियावास माई
बाबो रामदेव जी विराजे रै।।


राजा अजमल के लाल का
धरो हमेशा ध्यान
माता मेणादे के लाल का
धरो हमेशा ध्यान
मनोहर रैदास गावै बाबा
चरणा मे शिश निवाई
मनोहर रैदास गावै बाबा
आज किशनगढ़ रे माय
म्हारी नया पार लगाज्यो रै
रूणिचाँ खुडियावास माई
बाबो रामदेव जी विराजे रै।।


झांलर शंख नगारा बाजै रे
रूणिचा खुडियावास माई
बाबो रामदेव जी विराजे रै
रामदेव विराजे रै
बाबो रामदेव जी विराजे रै।।

गायक प्रेषक मनोहर परसोया।
कविता साउँण्ड किशनगढ़।










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