रोती हुई आँखों को मेरे श्याम हसाते है भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
रोती हुई आँखों को
मेरे श्याम हसाते है
जब कोई नहीं आता
मेरे श्याम ही आते है
रोती हुई आंखो को
मेरे श्याम हसाते है।।
तर्ज एक प्यार का नगमा।
जिन नजरो को बाबा
एक आँख ना भाता था
करते थे सभी पर्दा
जब मैं दिख जाता था
अब वो ही गले लगकर
अपनापन जताते है
जब कोई नहीं आता
मेरे श्याम ही आते है
रोती हुई आंखो को
मेरे श्याम हसाते है।।
सब ने हँसता देखा
मेरे घाव नहीं देखे
उँचाई दिखी सबको
मेरे पाँव नहीं देखे
उस मंजिल को पाने में
छाले पड़ जाते है
जब कोई नहीं आता
मेरे श्याम ही आते है
रोती हुई आंखो को
मेरे श्याम हसाते है।।
अपनों के सभी रिश्ते
फीके पड़ जाते है
जब शाख से पैसो के
पत्ते झड़ जाते है
मतलब से सभी माधव
यहाँ रिश्ता निभाते है
जब कोई नहीं आता
मेरे श्याम ही आते है
रोती हुई आंखो को
मेरे श्याम हसाते है।।
रोती हुई आँखों को
मेरे श्याम हसाते है
जब कोई नहीं आता
मेरे श्याम ही आते है
रोती हुई आंखो को
मेरे श्याम हसाते है।।
स्वर रेशमी शर्मा।
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roti hui ankhon ko mere shyam hasate hai lyrics