रोम रोम में रम रया हाँ रे प्रेम गुरू - MadhurBhajans मधुर भजन










रोम रोम में रम रया
हाँ रे प्रेम गुरू
ज्यु मकड़ी मे जाल रे ए जी
रोम रोम में रम रया
हाँ रे प्रेम गुरू
ज्यु मकड़ी मे जाल रे ए जी
खोजी वेतो करो खोजना
खोजी वेतो करो खोजना
मूर्ख हर फर जाय
भजन मे रोशन हो न लार रे ए जी
म्हारे रावलीया सु मन मायला हीरा
म्हारा घट मायला ज्ञान जंजीरा
सतगुरु समझावे बात रे ए जी।।


कुण गुरू तम्बू तानीया हाँ रे
प्रेम गुरू कुण गुरू मेली तान रे ए जी
कुण गुरू तम्बू तानीया हाँ रे
प्रेम गुरू मेली तान रे ए जी
सत्त वाली खुटीया ठोक दी जी
सत्त वाली खुटीया ठोक दी
सोना रा कलश थपाय
रेशमी डोर मिलावो लाय रे ए जी
म्हारे रावलीया सु मन मायला हीरा
म्हारा घट मायला ज्ञान जंजीरा
सतगुरु समझावे बात रे ए जी।।


घणी नदीयाँ में रेत है हाँ रे
प्रेम गुरू घणी नदीयाँ में ध्रोप रे ए जी
घणी नदीयाँ में रेत है हाँ रे
प्रेम गुरू घणी नदीयाँ में ध्रोप रे ए जी
घास पूस सब जल गया जी
घास पूस सब जल गया जी
ध्रोप रही कुलमाय
सावन कब नेडो आवे लार रे ए जी
म्हारे रावलीया सु मन मायला हीरा
म्हारा घट मायला ज्ञान जंजीरा
सतगुरु समझावे बात रे ए जी।।


ओ मन लोभी लालची हाँ रे
प्रेम गुरू ओ मन म्हारो चोर रे ए जी
ओ मन लोभी लालची हाँ रे
प्रेम गुरू ओ मन म्हारो चोर रे ए जी
ओ मन म्हारो बादशाह जी
ओ मन म्हारो बादशाह जी
ओतो कपट री खान
शब्द जाणे कोनी बात रे ए जी
म्हारे रावलीया सु मन मायला हीरा
म्हारा घट मायला ज्ञान जंजीरा
सतगुरु समझावे बात रे ए जी।।









ए ऐडी बाता कह गया हाँ रे
प्रेम गुरू कह गया संत कबीर सा जी
ए ऐडी ऐडी बाता कह गया हाँ रे
प्रेम गुरू कह गया संत कबीर सा जी
नही गाडी नही बेलीया जी
नही गाडी नही बेलीया जी
स्वर्गा गया शरीर
कमल रा फूल बनाया आप रे ए जी
म्हारे रावलीया सु मन मायला हीरा
म्हारा घट मायला ज्ञान जंजीरा
सतगुरु समझावे बात रे ए जी।।


रोम रोम में रम रया
हाँ रे प्रेम गुरू
ज्यु मकड़ी मे जाल रे ए जी
रोम रोम में रम रया
हाँ रे प्रेम गुरू
ज्यु मकड़ी मे जाल रे ए जी
खोजी वेतो करो खोजना
खोजी वेतो करो खोजना
मूर्ख हर फर जाय
भजन मे रोशन हो न लार रे ए जी
म्हारे रावलीया सु मन मायला हीरा
म्हारा घट मायला ज्ञान जंजीरा
सतगुरु समझावे बात रे ए जी।।
गायक श्याम पालीवाल जी।
प्रेषक मनीष सीरवी।
रायपुर जिला पाली राजस्थान
9640557818










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