रोम रोम में बसा हुआ है एक उसी का नाम भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
रोम रोम में बसा हुआ है
एक उसी का नाम
तू जपले राम राम राम
तू भजले राम राम राम
रोम रोम में बसा हुआ हैं।।
लोभ और अभिमान छोड़िए
छोड़ जगत की माया
मन की आँखे खोल देख
कण कण में वही समाया
जहाँ झुकाए सर तू अपना
वही पे उनका धाम
तू जपले राम राम राम
तू भजले राम राम राम
रोम रोम में बसा हुआ हैं।।
ये मत सोच जहाँ मंदिर है
वही पे दीप जलेंगे
जहाँ पुकारेगा तू उनको
वही पे राम मिलेंगे
दर दर भटक रहा क्यों प्राणी
उन्ही का दामन थाम
तू जपले राम राम राम
तू भजले राम राम राम
रोम रोम में बसा हुआ हैं।।
ये संसार के नर और नारी
देवी देवता सारे
नहीं चला है कोई यहाँ पे
उनके बिना इशारे
वो चाहे सूरज निकले
वो चाहे तो ढलती शाम
तू जपले राम राम राम
तू भजले राम राम राम
रोम रोम में बसा हुआ हैं।।
रोम रोम में बसा हुआ है
एक उसी का नाम
तू जपले राम राम राम
तू भजले राम राम राम
रोम रोम में बसा हुआ हैं।।
rom rom me basa hua hai ek usi ka naam lyrics