रे मन शिव का सुमिरण कर लख्खा जी भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
रे मन शिव का सुमिरण कर
शिव से आदि शिव से अंत है
शिव ही अजर अमर
रे मन शिव का सुमिरण कर।।
सत्य सजीव सनातन सुन्दर
शिव ही सकल सुजान
शिव ही नाद अबाद अगोचर
शिव ही ताले सवर
रे मन शिव का सुमिरण कर
रे मन शिव का सुमिरण कर।।
शिव ही दृश्य नैन है शिव ही
शिव महेश नटराज
शिव पाताल मध्य में शिव है
शिव है सदैव शिखर
रे मन शिव का सुमिरन कर
रे मन शिव का सुमिरण कर।।
शिव शक्ति सर्वोच्च सरल शिव
शिव ही जग का सार
शिव के बिना शेष बस शव है
शिव ना कभी बिसर
रे मन शिव का सुमिरन कर
रे मन शिव का सुमिरण कर।।
रे मन शिव का सुमिरण कर
शिव से आदि शिव से अंत है
शिव ही अजर अमर
रे मन शिव का सुमिरण कर।।
re man shiv ka sumiran kar lyrics