रे मन हरि सुमिरन कर लीजे भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










रे मन हरि सुमिरन कर लीजे
हरी को नाम प्रेम सो जपिये
हरी रस रसना पीजे
रे मन हरि सुमिरण कर लीजे।।


हरी गुण गाइये सुनिए निरंतर
हरी चरणन चित्त दीजे
हरी भक्तन की शरण ग्रहण करि
हरी संग प्रीत करीजे
रे मन हरि सुमिरण कर लीजे।।


हरि हित खाइये पहिरिये हरि हित
हरि हित करम करिजे
हरि हित हरिसन सब जग सी ये
हरि हित मरिये जीजे
रे मन हरि सुमिरण कर लीजे।।


रे मन हरि सुमिरन कर लीजे
हरी को नाम प्रेम सो जपिये
हरी रस रसना पीजे
रे मन हरि सुमिरण कर लीजे।।



















re man hari sumiran kar lije lyrics