रजा क्या है तेरी मोहन क्यूँ इतना आज़माते हो लिरिक्स ❤ MadhurBhajans मधुर भजन
रजा क्या है तेरी मोहन
क्यूँ इतना आज़माते हो
क्यूँ इतना आज़माते हो
क्यूँ इतना आज़माते हो
रजा क्या हैं तेरी मोहन
क्यूँ इतना आज़माते हो।।
तर्ज सजा दो घर को।
गुजरती क्या है यह सोचो
तुम्हारे बिन दीवाने पे
नज़र अंदाज ना करना
नज़र अंदाज ना करना
रहम दिल तुम कहाते हो
रजा क्या हैं तेरी मोहन
क्यूँ इतना आज़माते हो।।
सितमगर ना बनो इतने
जुल्म इतना नहीं ढाओ
पुजारी प्रेम के होकर
पुजारी प्रेम के होकर
बहाने क्यों बनाते हो
रजा क्या हैं तेरी मोहन
क्यूँ इतना आज़माते हो।।
ज़माने की हवाओं से
दुखी है आज ये सारे
अरज है दास सांवर की
अरज है दास सांवर की
झलक क्यों ना दिखाते हो
रजा क्या हैं तेरी मोहन
क्यूँ इतना आज़माते हो।।
रजा क्या है तेरी मोहन
क्यूँ इतना आज़माते हो
क्यूँ इतना आज़माते हो
क्यूँ इतना आज़माते हो
रजा क्या हैं तेरी मोहन
क्यूँ इतना आज़माते हो।।
raza kya hai teri mohan kyo itna aazmate ho lyrics