रंग मत डारो कान्हा बोले रे गुजरिया लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










रंग मत डारो कान्हा
बोले रे गुजरिया
जरा खुद को संभाल
मेरा किया बुरा हाल
कान्हा फागुन में
फागुन में
रंग मत डारों कान्हा
बोले रे गुजरिया।।
तर्ज कौन दिशा में।


धीरे धीरे बाजे रे बंसुरिया
थिरकन लागे अंग हो
श्याम सांवरा बजा के बंसुरिया
ना करना मोहे तंग हो
भर पिचकारी बोले श्याम सांवरा
भर पिचकारी बोले श्याम सांवरा
क्यों ये मचाई जंग हो
तंग करने का तोसे
नाता रे गुजरिया
जरा खुद को संभाल
मेरा मुख किया लाल
कान्हा फागुन में
फागुन में
रंग मत डारों कान्हा
बोले रे गुजरिया।।


चोली भीगे चुनरी भीगे
भीगे सारा अंग हो
भर पिचकारी कान्हा देखो
डाल रहा है रंग हो
राधा नाचे सखियाँ नाचे
राधा नाचे सखियाँ नाचे
बाज रही है चंग हो
ऐसे ना सताओ कान्हा
देखे रे गुजरिया
देखो हँसे ग्वाल बाल
देखो मुख किया लाल
कान्हा फागुन में
फागुन में
रंग मत डारों कान्हा
बोले रे गुजरिया।।









सारे अरमा जाग उठे है
जब तू पास बुलावे हो
प्रीत हिलोरे मारे दिल में
तेरी याद सतावे हो
श्याम बिना देखो मन नहीं लागे
श्याम बिना देखो मन नहीं लागे
सखियाँ मोहे बुलावे रे
श्याम के बिना तो
हुई आधी रे गुजरिया
देखो कहे रे दिनेश
सब छोड़ो राग द्वेष
मिलो फागुन में


फागुन में
रंग मत डारों कान्हा
बोले रे गुजरिया।।


रंग मत डारो कान्हा
बोले रे गुजरिया
जरा खुद को संभाल
मेरा किया बुरा हाल
कान्हा फागुन में
फागुन में
रंग मत डारों कान्हा
बोले रे गुजरिया।।
गायक दिनेश जी भट्ट।










rang mat dalo kanha bole re gujariya lyrics