राणाजी थारो देशड़लो रंग रूड़ो भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










राणाजी थारो देशड़लो रंग रूड़ो
दोहा केशव थारे काज
मैं भगवा वस्त्र धारिया
माला लिनी हाथ मैं
रटती फिरू रे जेठवा।
जग में जोड़ी दोय
के चकवो के सारसी
तीजी मिली ना कोई
जो जो हारि जेठवा।
मारी अंगीठी में आग
बैरी लौ लगाय गयो
कुल में गिने गवार
जो जो हारी जेठवा।।


नहीं भावे थारो देशड़लो रंग रूड़ो
राणाजी थारो देशड़लो रंग रूड़ो
थारा देशा मे राणा साधु नही है
लोग बसे है कूडो
नहीं भावे थारो देशड़लो रंग रूड़ो।।


काजल टिकी राणा छोड़ दिया मैं
छोड़ियो हाथा रो चुडो
नहीं भावे थारो देशड़लो रंग रूड़ो।।









हार सृंगार राणा छोड़ दिया मैं
छोड़ियो माथा रो जुडो
नहीं भावे थारो देशड़लो रंग रूड़ो।।


बाई मीरा केवे राणा था कई जानो
वर पायो मैं पुरो
नहीं भावे थारो देशड़लो रंग रूड़ो।।


नहीं भावे थारो देशड़लो रंग रूड़ो
राणाजी थारो देशड़लो रंगरूड़ो
थारा देशा मे राणा साधु नही है
लोग बसे है कूडो
नहीं भावे थारो देशड़लो रंग रूड़ो।।
गायक एवं प्रेषक
श्यामनिवास जी
9024989481










rana ji tharo deshadlo rang rudo lyrics