राणा जी थाको राखो गढ़ चित्तोड़ छोड़ वृन्दावन जावाला - MadhurBhajans मधुर भजन
राणा जी थाको राखो गढ़ चित्तोड़
राणा जी राखो गड चित्तोड़
छोड़ वृन्दावन जावाला
वृन्दावन जावाला
हरि का लाड़ लडावाला।।
राणा जी थाका गेना पाछा लीजो
हो माने ताल मंजीरा दीजो
मैं मंदिरिया में जाता प्रभु का
मंदिरिया में जाता प्रभु के
घुंगर गमकावुली
वृन्दावन जावाला
हरि का लाड़ लडावाला।।
दुख सुख होसी जो सह लेस्या
रुखो सुखो ही खा लेस्या
मारे लाग्यो हतलेवा रो दाग
दाग में आज मिटावुली
वृन्दावन जावाला
हरि का लाड़ लडावाला।।
ओ राणा में गिरधर की दासी
जाने थाने क्युँ परणादि
मैं तो गोविंद रा गुण गाता
मैं तो गोविंद रा गुण गाता
पाला पाला जावाला
वृन्दावन जावाला
हरि का लाड़ लडावाला।।
राणा जी थाको राखो गढ़ चित्तोड़
राणा जी राखो गड चित्तोड़
छोड़ वृन्दावन जावाला
वृन्दावन जावाला
हरि का लाड़ लडावाला।।
प्रेषक कपिल टेलर
9509597293
rana ji thako rakho gadh chittod lyrics