रामाधणी अवतारी जारे लीले री असवारी - MadhurBhajans मधुर भजन
रामाधणी अवतारी
जारे लीले री असवारी
जारे हाथ मे ध्वजा विराजे
केसरियो बागों साजे
ओ थारो रूप निरालो
भगता के मन भावे से हाए
नित दर्शन से सारी विपदा
कट जावे से।।
तर्ज तेरी आंख्या का यो काजल।
अजमाल जी पूण्य कमायो
थाने पुत्र रूप में पायो
माता रो मन हर्षायो
मैणादे लाड लडायो
भादुरे री दूज ने आयो
बाँझरियो नाम हटायो
ओ बाबो भगतारी नैया ने
पार लगावे से हाए
नित दर्शन से सारी विपदा
कट जावे से।।
आँगनिये पगल्या मंडायो
उफ़नतो दूध दबायो
दर्जी ने पर्चो दिखायो
कपड़े रो घोड़ो उड़ायो
रूणिचा नगर बसायो
बाबो भेद भाव ने मिटायो
ओ थारी नगरी भगता के हिवड़े
मन भावे से हाए
नित दर्शन से सारी विपदा
कट जावे से।।
बाबो हिंदुआ पीर कहायो
पीरा ने पर्चो दिखायो
मिश्री रो लूण बनायो
बींजारो शरणे आयो
रोहित शरणा में आयो
थारे चरणा शीश नवायो
ओ भगता रे आधे हेले
दोड़यो आवे से हाए
नित दर्शन से सारी विपदा
कट जावे से।।
रामाधणी अवतारी
जारे लीले री असवारी
जारे हाथ मे ध्वजा विराजे
केसरियो बागों साजे
ओ थारो रूप निरालो
भगता के मन भावे से हाए
नित दर्शन से सारी विपदा
कट जावे से।।
भजन गायक एवं लेखक
श्री रोहित कुमार शर्मा
सम्पर्क 08399991281
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ramadhani avtari jaari lile ri aswari lyrics