राम सुनलो मेरी बात तुम गौर से भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
राम सुनलो मेरी बात तुम गौर से
क्यों पराजित हुआ आपसे युद्ध में
जानकी की वजह से ना मैं मर सका
जानकी की तरफ से रहा शुद्ध मैं
राम सुनलो मेरी बात तुम गौर से।।
तर्ज हाल क्या है दिलों का ना।
राज्य मेरा बड़ा कुल भी मेरा बड़ा
बल भी मेरा बड़ा आयु मेरी बड़ी
वेद चारों छेओ शाश्त्र कंठस्त है
ज्ञान में भी बड़ा तुमसे प्रभुत्व में
राम सुनलो मेरी बात तुम गौर से।।
मेरे रहने व सोने को स्वर्ण महल
है खजाना मेरा ये अवध से बड़ा
देवता भी मेरे घर करे चाकरी
देवराहों को कर देता अवरुद्ध मैं
राम सुनलो मेरी बात तुम गौर से।।
मैंने अपनों को ठुकरा के गलती करी
बावरा तुमने अपने लगाए गले
वो भरत तेरा भाई तेरे संग खड़ा
मेरा भाई खड़ा मेरे विरुद्ध में
राम सुनलो मेरी बात तुम गौर से।।
राम सुनलो मेरी बात तुम गौर से
क्यों पराजित हुआ आपसे युद्ध में
जानकी की वजह से ना मैं मर सका
जानकी की तरफ से रहा शुद्ध मैं
राम सुनलो मेरी बात तुम गौर से।।
स्वर एवं रचना राजू बावरा जी।
ram sun lo meri baat tum gaur se lyrics