राम सुमरले सुकरत करले आगे आडो आवेलो भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










राम सुमरले सुकरत करले
आगे आडो आवेलो
चेत सके तो चेत मानवी
रीतो ही रह जावेलो।।


मात पिता रा पगल्या पूजो
जिसने तुमको जन्म दिया
श्रवण जैसा लाल बणो रे भाई
जिसका अमर नाम हुआ
करलो सेवा पावो मेवा
जन्म सफल होय जावेलो
चेत सके तो चेत मानवी
रीतो ही रह जावेलो।।


बालपणों हँस खेल गमायो
जोबन ऐश आराम करें
बुढ़ापे में हुयो रोगलो
खींच खींच ने पाव धरे
घर की नारी बोले खारी
कद बुढ्लो मर जावेलो
चेत सके तो चेत मानवी
रीतो ही रह जावेलो।।


स्वार्थ की हैं दुनियादारी
स्वार्थ का सब नाता जी
अंत समय में जावे अकेलो
हंस अकेला जाता जी
धन औऱ माया धरी रेवेली
आखिर में पछतावेलो
चेत सके तो चेत मानवी
रीतो ही रह जावेलो।।









संत समागम करलो प्यारे
सत्संग का फल मीठा जी
खाया सो नर अमर हो गया
पापी रह गया रीता जी
दास भगत कह मिनख जमारो
बार बार नहीं आवेलो
चेत सके तो चेत मानवी
रीतो ही रह जावेलो।।


राम सुमरले सुकरत करले
आगे आडो आवेलो
चेत सके तो चेत मानवी
रीतो ही रह जावेलो।।
स्वर सुनिता स्वामी।
प्रेषक रामेश्वर लाल पँवार आकाशवाणी सिंगर।
9785126052










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