राम सुमर रे प्राणिया भूले रे मत भाई भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










राम सुमर रे प्राणिया
भूले रे मत भाई
सुमिरण बिना छूटे नहीं
जम द्वारे जाई
राम सूमर रे प्राणिया।।


सब दुनिया भरमी फिरे
तीर्थ अरु व्रता
जैसे पानी ओस रा
कछु कारज नहीं सरता
राम सूमर रे प्राणिया।।


तपसी त्यागी मुनिस्वरा
पढियोड़ा अर पंडिता
नाम बिना खाली रहया
सिध्द उड़ता अर गढ़ता
राम सूमर रे प्राणिया।।


क्या रे आचार विचार हैं
क्या है साधन सेवा
सतगुरु बिना पावे नहीं
आत्म निज भेवा
राम सूमर रे प्राणिया।।









जगत भेक एको मता
एकण दिश जावे
तत्व नाम जाणे नहीं
फिर फिर गोता खावे
राम सूमर रे प्राणिया।।


साध संगत निश दिन करे
एको रामजी ने धावे
रामदास धिन सन्त जना
निर्भय रा पद पावे
राम सूमर रे प्राणिया।।


राम सुमर रे प्राणिया
भूले रे मत भाई
सुमिरण बिना छूटे नहीं
जम द्वारे जाई
राम सूमर रे प्राणिया।।
गायक मोहनदास रामस्नेही।
प्रेषक रामेश्वर लाल पँवार।
आकाशवाणी सिंगर।
9785126052










ram sumar le praniya bhule mat bhai lyrics