राम ने भजलो रे भाई देसी भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










राम ने भजलो रे भाई
छंद संगत कीजे सन्त की
क्या नुगरां से काम
नुगरां ले जावे नारगी
सन्त मिलावे राम।
सन्त मिलावे राम
ज्ञान री जहाजों चाढ़े
दे अपणा उपदेश
नारगी बायर काढ़े।
मंगल गिरी यू कहत हैं
अमर बसावे धाम
संगत कीजै सन्त की
क्या नुगरां से काम।।
दोहा राम नाम की निसरणी
धरा गगन बीच एक
ररा ममा री टेक से
तिर गया सन्त अनेक।
राम नाम री झोंपड़ी
पापी रा दस गाँव
आग लगो उण गाँव को
जठे नहीं राम का नाम।।
छंद शाह सिकन्दर चल बसे
गए कई धनवान
दौलत यहाँ पर रह गयी
समझ जरा नादान।
समझ जरा नादान
साथ मे में कौन आता
कर भजन भगवान का
नाम से जोड़ले नाता।।


राम ने भजलो रे भाई
राम ने भजलो रे भाईं
भाई लेवा ने हरी नाम
तिरवा ने हैं गंगा माई।।


बलपणा में धुर जी भजिया
छोटी सी दाईं
सारा में सरदार के हिजया
बेकूटों माही।
राम ने भजलों रे भाई
कुबद ने छोड़ो रे भाई
लेवा ने हरी नाम
तिरवा ने हैं गंगा माई।।









हिरणाकुश प्रह्लाद ने बरज्यो
राजा अन्यायी
खम्भ फाड़ साँवरियों प्रगटियों
भगता के ताही।
राम ने भजलों रे भाई
कुबद ने छोड़ो रे भाई
लेवा ने हरी नाम
तिरवा ने हैं गंगा माई।।


पदमा ने मोरियों परणायो
पाँच पंचो माही
मोरियों जाय वनी में मरगयो
पदमा कुरलाई।
राम ने भजलों रे भाई
कुबद ने छोड़ो रे भाई
लेवा ने हरी नाम
तिरवा ने हैं गंगा माई।।


गंगा जी ने भगीरथ लायो
कुल तारण ताही
गंगा जी री लावणी ने
सेन भगत गाई।
राम ने भजलों रे भाई
कुबद ने छोड़ो रे भाई
लेवा ने हरी नाम
तिरवा ने हैं गंगा माई।।


राम ने भजलो रे भाई
राम ने भजलो रे भाईं
भाई लेवा ने हरी नाम
तिरवा ने हैं गंगा माई।।
गायक किस्तूर राम मीदियानसुगनाराम गोदारा।
प्रेषक रामेश्वर लाल पँवार।
आकाशवाणी सिंगर। 9785126052










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