राम नाम के साबुन से जो मन का मेल भगाएगा लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










राम नाम के साबुन से जो
मन का मेल भगाएगा
निर्मल मन के शीशे में तू
राम के दर्शन पाएगा।।


रोम रोम में राम है तेरे
वो तो तुझसे दूर नही
देख सके न आंखे उनको
उन आंखों में नूर नही
देखेगा तू मन मंदिर में
ज्ञान की ज्योत जलाएगा
निर्मल मन के शीशे में तू
राम के दर्शन पाएगा।।


यह शरीर अभिमान है जिसका
प्रभु कृपा से पाया है
झूठे जग के बंधन में तूने
इसको क्यो बिसराया है
राम नाम का महामंत्र ये
साथ तुम्हारे जाएगा
निर्मल मन के शीशे में तू
राम के दर्शन पाएगा।।


झूठ कपट निंदा को त्यागो
हर इक से तुम प्यार करो
घर आये मेहमान की सेवा से
ना तुम इनकार करो
पता नही प्यारे तू कब
नारायण में मिल जाएगा
निर्मल मन के शीशे में तू
राम के दर्शन पाएगा।।









राम नाम के साबुन से जो
मन का मेल भगाएगा
निर्मल मन के शीशे में तू
राम के दर्शन पाएगा।।
प्रेषक घनश्याम बागवान।
सिद्दीकगंज 7879338198










ram naam ke sabun se jo man ka mail mitayega lyrics