रामजी ने भजो जका उबरोला भाईड़ा रे बिन भजिया खावो गोता - MadhurBhajans मधुर भजन










रामजी ने भजो जका उबरोला भाईड़ा रे
दोहा राम नाम की निसरणी
धरा गगन बिच एक
राम नाम री टेर सू
चढ़ गया सन्त अनेक।
हाथ जोड़ वन्दन करूं
धरु चरण में शीश
ज्ञान भगति मोहे देवजो
मेरे परम् पिता जगदीश।
प्रथम निवण मेरे
मात पिता को
ज्यांसू रच्यो शरीर
दूजा निवण सतगुरु देव ने
महारो कियो भजन में सीर।


रामजी ने भजो जका उबरोला भाईड़ा रे
बिन भजिया खावो गोता
इण संसारी रा अबड़ा मार्गीया
गुरु समझावे भाई सुण चेला
माही नदिया भेवे म्हारी सुरता ऐ।।


नमो रे नमो गुरु देव मनाऊ
भली रे सुणावै गुरु देव कथा
अपने पिया जी रा खोज लखावै
वा नारी है पतिव्रता
रामजी ने भजों जका उबरोला भाईड़ा रे।।









इश्क लगाय गुरु चेले ने पढायो
ज्यूँ बंधिया पिंजरे में तोता
शीश उत्तार धरयो गुरु आगे रे
जद पाया रे उण घर रा रस्ता
रामजी ने भजों जका उबरोला भाईड़ा रे।।


केई केई नर भजन करे चौवड़े
केई तो माळा फेरे गुप्ता
उण सन्तो री भाईड़ा लागी सिवरणा रे
अमरपुर ने किया रे मता
रामजी ने भजों जका उबरोला भाईड़ा रे।।


नाथ गुलाब मिल्या गुरु पूरा
म्हाने ऐ मिल्या फक्कड़ रमता
भवानी नाथ शरण सतगुरु रे
ओ सन्त मिल्या ज्याने पाई सुमता
रामजी ने भजों जका उबरोला भाईड़ा रे।।


रामजी ने भजों जका उबरोला भाईड़ा रे
बिन भजिया खावो गोता
इण संसारी रा अबड़ा मार्गीया
गुरु समझावे भाई सुण चेला
माही नदिया भेवे म्हारी सुरता ऐ।।
गायक शंकर बराला।
प्रेषक रामेश्वर लाल पँवार।
आकाशवाणी सिंगर।
9785126052










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