रामजी की महिमा कितनी निराली दो अक्षर के नाम की लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










रामजी की महिमा कितनी निराली
दो अक्षर के नाम की
जय बोलो सियावर राम की
बोलो राम राम राम।।


जो कोई जाने ना प्रभु की प्रभुताई
निर्बल के बल प्रभु रघुराई
शत योजन समंदर को लांगा
अंजनी सुत हनुमान की
जय बोलो सियावर राम की।।


हाड़ मांस का पुतला तेरा
दुर्गंधी जिसमें बसेरा
माला रट ले प्रभु के नाम की
कीमत बढ़ जावे चाम की
जय बोलो सियावर राम की।।


जीवन प्रभु के अर्पण कर दो
हरि चरणों में ध्यान लगा लो
आकर रक्षा करेंगे प्रभु जी
राम लखन सिया जानकी
जय बोलो सियावर राम की।।









रामजी की महिमा कितनी निराली
दो अक्षर के नाम की
जय बोलो सियावर राम की
बोलो राम राम राम।।
गायक बद्री लाल जी गाडरी।
प्रेषक चारभुजा साउंड जोरावरपुरा।
9460405693










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