रक्त शिराओं में राणा का रह रह आज हिलोरे लेता लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










रक्त शिराओं में राणा का
रह रह आज हिलोरे लेता
मातृभूमि का कण कण तृण तृण
हमको आज निमंत्रण देता।।


वीर प्रसुता भारत माँ की
हम सब हिन्दु है संताने
हर विपदा जो माँ पर आती
सहते हैं हम सीना ताने
युग युग की नीद्रा को तज कर
युग युग की नीद्रा को तज कर
फिर से अपना गौरव चेता
मातृभूमि का कण कण तृण तृण
हमको आज निमंत्रण देता।।


यह वह भूमि जहाँ पर नित नित
लगता बलिदानों का मेला
इस धरती के पुत्रो ने ही
हस हस महा मृत्यु को झेला
हमको डिगा न पाया कोई
हमके डिगा न पाया कोई
अगनित आये विश्व विजेता
मातृभूमि का कण कण तृण तृण
हमको आज निमंत्रण देता।।


आज पुनः आकांत हुई है
देव भूमि कश्मीर हमारी
उठो चुनौती को स्वीकारे
युवकों आज हमारी बारी
सीमाओं पर हरी दल देखो
सीमाओं पर हरी दल देखो
हमको पुनः चुनौती देता
मातृभूमि का कण कण तृण तृण
हमको आज निमंत्रण देता।।









कही न फिर हमसे छिन जाये
देव भूमि कश्मीर हमारी
समय आ गया खींचो वीरो
पोशो से अब खडक दुदारी
मिटा विश्व से इन दुष्टों को
मिटा विश्व से इन दुष्टों को
बने जगत के अतुल विजेता
मातृभूमि का कण कण तृण तृण
हमको आज निमंत्रण देता।।


रक्त शिराओं में राणा का
रह रह आज हिलोरे लेता
मातृभूमि का कण कण तृण तृण
हमको आज निमंत्रण देता।।
गायक प्रकाश माली जी।
प्रेषक मनीष सीरवी
9640557818










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