राधे राधे राधे बोल मना तन का क्या पता भजन लिरिक्स - radhe radhe bol mana
राधे राधे राधे बोल मना
तन का क्या पता
राधें राधें राधे बोंल मना
तन का क्या पता।।
मन तो है चंचल
तन तो है पिंजरा
पिंजरे में है तेरा वास
मन तो है चंचल
तन तो है पिंजरा
पिंजरे में है तेरा वास
राधें राधें राधें बोंल मना
तन का क्या पता।।
राधा है अगर मिश्री
तो मिठास है बिहारी
राधा है अगर मोहिनी
तो मोहन है बिहारी
राधा है अगर गंगा
तो धार है बिहारी
राधा है अगर भोली
तो चंचल है बिहारी
एक दूजे के रंग में रहे हैं
एक है चंदा एक चकोरी
राधें राधें राधें बोंल मना
तन का क्या पता।।
बरसाने की लाड़ली राधा
हर लेती है सब दुःख बाधा
राधा के संग झूमें कान्हा
कान्हा के संग झूमि सखियाँ
ये अंबर बोले राधा
बृज मंडल बोले राधा
कान्हा की मुरली बोले राधा
राधा राधा बस राधा
इश्क तृष्णा ओ मेरे कृष्णा
मीरा रोए दिन रात
विष क्या होता शम्भू से पूछो
मीरा से पूछो ना ये बात
राधें राधें राधेंबोंल मना
तन का क्या पता।।
गोपाल गोविंद बोल मना
हरी हरी बोल मना
कृष्णा राधे कृष्णा बोल मना
राधे श्याम बोल मना
राधें राधे राधे बोल मना
तन का क्या पता
राधें राधें राधे बोंल मना
तन का क्या पता।।
राधें राधें राधें बोंल मना
तन का क्या पता
राधें राधें राधें बोंल मना
तन का क्या पता।।
स्वर रचना हंसराज रघुवंशी जी।
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