राजी राजी राखो बाबा फिर थारे दर पे आवा जी भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










राजी राजी राखो बाबा
फिर थारे दर पे आवा जी
भूल चूक म्हारी माफ़ करो फिर
थारा दर्शन पावां जी
राजी राजी राखों बाबा
फिर थारे दर पे आवा जी।।
तर्ज नगरी नगरी द्वारे द्वारे।


सारी दुनिया पे है बाबा
कैसी विपदा छाई जी
पालनहार के आगे बाबा
सबने अर्ज लगाई जी
एक आसरो थारो बाबा
थाने अर्ज लगावा जी
राजी राजी राखों बाबा
फिर थारे दर पे आवा जी।।


धीरज छुट्यो जाये बाबा
आंख्या बरसे नीर जी
थारे सिवा अब कौन बंधावे
म्हाने आके धीर जी
लीले चढ़के आओ बाबा
रो रो थाने बुलावा जी
राजी राजी राखों बाबा
फिर थारे दर पे आवा जी।।









या दुनिया भी करे हंसाई
सगा संबंधी ऐंठ गया
बोली मारे थारा बाबा
मंदिर भीतर बैठ गया
अटल भरोसा था पे बाबा
नैना कदे डिगावा जी
राजी राजी राखों बाबा
फिर थारे दर पे आवा जी।।


रोज रोज थारो सुपणो देखूं
जद जद जी घबरावे जी
प्रेम्या के घर जाकर तू तो
मोरछड़ी लहरावे जी
रोमी के घर आजा बाबा
थाने भजन सुणावा जी


राजी राजी राखों बाबा
फिर थारे दर पे आवा जी।।


राजी राजी राखो बाबा
फिर थारे दर पे आवा जी
भूल चूक म्हारी माफ़ करो फिर
थारा दर्शन पावां जी
राजी राजी राखों बाबा
फिर थारे दर पे आवा जी।।
स्वर रचना सरदार रोमी जी।










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