प्यारी लागे ओ साँवरिया थाकि मुकट मणि भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










प्यारी लागे ओ साँवरिया
थाकि मुकट मणि।
दोहा प्रीत लगाकर सांवरा
तू परदेसा मति जाय
में ल्याउ मांग कर
तू बेठो बेठो खाय।


प्यारी लागे ओ साँवरिया
थाकि मुकट मणि
ओ मुकट मणि ओ थाके
सोवे तो घणी
प्यारी लागे ओ सांवरिया
थाकि मुकट मणि।।


भाई रुक्मइयो मारो
ब्याह जी रचावे देखो जी
भाई रुक्मइयो मारो
ओ थाणे तो गई थी मारे
मांडा की टणी
प्यारी लागे ओ सांवरिया
थाकि मुकट मणि।।









यो शिशुपाळो चंदेरी को राजा
देखो जी यो शिशुपाळो
अरे फोज्या ल्यायो जी यो तो
गणी तो गणी
प्यारी लागे ओ सांवरिया
थाकि मुकट मणि।।


आप न आवो सांवरा
प्राण तजी देउ जी
आप न आवो
आप का बीना तो मारो
कोन है धणी
प्यारी लागे ओ सांवरिया
थाकि मुकट मणि।।


ओ पदम बणे ओ काई
ए पाय लागू थाके जी
पदम पड़े ओ कई
नाव तो भवंर के या
बीच मे पड़ी
प्यारी लागे ओ सांवरिया
थाकि मुकट मणि।।


प्यारी लागे ओ सांवरिया
थाकि मुकट मणि
ओ मुकट मणि ओ थाके
सोवे तो घणी
प्यारी लागे ओ सांवरिया
थाकि मुकट मणि।।
गायक रामप्रसाद जी।
प्रेषक कुलदीप मेनारिया
9799294907










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