पूरब से जब सूरज निकले भजन लिरिक्स - purab se jab suraj nikle lyrics in hindi
पूरब से जब सूरज निकले
सिंदूरी घन छाए
पवन के पग में नुपुर बाजे
मयूर मन मेरा गाये
मन मेरा गाये
ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय।।
पुष्प की माला थाल सजाऊं
गंगाजल भर कलश मैं लाऊं
नव ज्योति के दीप जलाऊं
चरणों में नित शीश झुकाऊं
भाव विभोर होके भक्ति में
रोम रोम रम जाये
मन मेरा गाये
ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय।।
अभयंकर शंकर अविनाशी
मैं तेरे दर्शन की अभिलाषी
जन्मों की पूजा की प्यासी
मुझपे करना कृपा जरा सी
तेरे सिवा मेरे प्राणों को
और कोई ना भाये
मन मेरा गाये
ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय।।
पूरब से जब सूरज निकले
सिंदूरी घन छाए
पवन के पग में नुपुर बाजे
मयूर मन मेरा गाये
मन मेरा गाये
ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय।।
purab se jab suraj nikle lyrics in hindi