प्रेमी का प्रेम निभाता तू प्रेम के वश हो जाता लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
प्रेमी का प्रेम निभाता
तू प्रेम के वश हो जाता
निज प्रेमी से मिलवाता
हमें प्रेम की राह दिखाता
तू प्रेमी तो बड़ा ही प्यारा है
हारे का सहारा है।।
तर्ज सूरज कब दूर गगन से।
तेरे प्रेम की भाषा
जिसको समझ में आये
उसके अंतर मन में
प्रेम दीप जल जाये
प्रेमी की लाज बचाता
प्रेमी का मान बढ़ाता
निज प्रेमी से मिलवाता
हमें प्रेम की राह दिखाता
तू प्रेमी तो बड़ा ही प्यारा है
हारे का सहारा है।।
प्रेम तुम्हारा पाकर
प्रेमी शुकर मनाएँ
तेरे प्रेम के धागे
दिन दिन कसते जाएँ
इतना तू प्रेम लुटाता
दामन छोटा पड़ जाता
निज प्रेमी से मिलवाता
हमें प्रेम की राह दिखाता
तू प्रेमी तो बड़ा ही प्यारा है
हारे का सहारा है।।
तोड़े से नहिं टूटे
प्रेम अटल है अपना
तूने हर प्रेमी का
पूरण किया है सपना
चोखानी तुझे रिझाता
भजनों की भेंट चढ़ाता
तू प्रेमी से मिलवाता
हमें प्रेम की राह दिखाता
तू प्रेमी तो बड़ा ही प्यारा है
हारे का सहारा है।।
प्रेमी का प्रेम निभाता
तू प्रेम के वश हो जाता
निज प्रेमी से मिलवाता
हमें प्रेम की राह दिखाता
तू प्रेमी तो बड़ा ही प्यारा है
हारे का सहारा है।।
premi ka prem nibhata tu prem ke vash ho jata lyrics