प्रेम नगर मत जा ए मुसाफिर भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
प्रेम नगर मत जा ए मुसाफिर
दोहा प्रेम बिना पावे नहीं
चाहे हुनर करो हज़ार
कहे प्रीतम प्रेम बिना
मिले ना नंद कुमार।
प्रेम नगर मत जा ए मुसाफिर
प्रेम नगर मत जा
प्रेम नगर मत जा मुसाफिर
प्रेम नगर मत जा।।
तर्ज हुस्न पहाड़ों का।
प्रेम नगर का पंथ तो कठिन है
प्रेम नगर का पंथ तो कठिन है
प्रेम नगर का पंथ तो कठिन है
ऊँचा शिखर है ठिकाना मुसाफिर
प्रेम नगर मत जा।।
प्रेम नगर की गहरी है नदियाँ
प्रेम नगर की गहरी है नदियाँ
प्रेम नगर की गहरी है नदियाँ
लाखो लोग डुबाना मुसाफिर
प्रेम नगर मत जा।।
प्रेम नगर की सुन्दर परियाँ
प्रेम नगर की सुन्दर परियाँ
प्रेम नगर की सुन्दर परियाँ
लाखो लोग लुभाना मुसाफिर
प्रेम नगर मत जा।।
ब्रम्हा नन्द कहे कोइ विरला त्या पहुँचे
ब्रम्हा नन्द कहे कोइ विरला त्या पहुँचे
ब्रम्हा नन्द कहे कोइ विरला त्या पहुँचे
पावे पद ये निरवाना मुसाफिर
प्रेम नगर मत जा।।
प्रेम नगर मत जा ए मुसाफीर
प्रेम नगर मत जा
प्रेम नगर मत जा मुसाफिर
प्रेम नगर मत जा।।
prem nagar mat ja musafir lyrics in hindi