प्रेम का धागा तुझको कान्हा आई हूँ मैं बांधने लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
प्रेम का धागा तुझको कान्हा
आई हूँ मैं बांधने
बीरा राखी का मान
बढ़ा जा रे
वादा प्रेम बंधन का
निभा जा रे।।
खुशकिस्मत मैं समझूँ खुद को
किस्मत ऐसी पाई
श्याम सलोने तेरे रूप में
पाया अपना भाई
दिल की खुशियां तुझसे कन्हैया
आई हूँ मैं बांटने
बीरा राखी का मान
बढ़ा जा रे
वादा प्रेम बंधन का
निभा जा रे।।
भाई बहन का आया ये दिन
इस दिन का क्या कहना
ख़ुशी ख़ुशी अपने भाई से
चली है मिलने बहना
थाल सजा के दीप जला के
आई तेरे आंगने
बीरा राखी का मान
बढ़ा जा रे
वादा प्रेम बंधन का
निभा जा रे।।
जिस हाथों में थी मुरली
उस हाथ में बाँधी डोरी
हाथ जोड़ कर भाई से पाने
कुंदन बहना बोली
तुम भी अपना मुझे समझना
खड़ी मैं तेरे सामने
बीरा राखी का मान
बढ़ा जा रे
वादा प्रेम बंधन का
निभा जा रे।।
प्रेम का धागा तुझको कान्हा
आई हूँ मैं बांधने
बीरा राखी का मान
बढ़ा जा रे
वादा प्रेम बंधन का
निभा जा रे।।
prem ka dhaga tujhko kanha aayi hun main bandhane lyrics