प्रार्थना है यही मेरी हनुमान जी भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










प्रार्थना है यही मेरी हनुमान जी
मेरे सर पर भी अब हाथ धर दीजिए
राम सीता का दर्शन कराके मुझे
मेरे सपने को साकार कर दीजिए
प्रार्थना हैं यही मेरी हनुमान जी
मेरे सर पर भी अब हाथ धर दीजिए।।


दुःख देते मुझे मेरे ही पाप है
मेरे मन में है क्या जानते आप है
आप हर रुप है इसलिए कर कृपा
मेरी हर एक संकट को हर लिजिए
प्रार्थना हैं यही मेरी हनुमान जी
मेरे सर पर भी अब हाथ धर दीजिए।।


मैं भावुक तो हूँ पर नहीं भक्त हूँ
इसी कारण तो विषयों में आसक्त हूँ
वासना मुक्त कर मेरे मन को प्रभु
राम सीता की भक्ति से भर दीजिए
प्रार्थना हैं यही मेरी हनुमान जी
मेरे सर पर भी अब हाथ धर दीजिए।।


तन निरोगी रहे धन भी भरपूर हो
मन भजन में रहे द्वंद्व दुःख दूर हो
कर्ज भी न रहे मर्ज भी न रहे
फर्ज निभता रहे ऐसा वर दीजिए
प्रार्थना हैं यही मेरी हनुमान जी
मेरे सर पर भी अब हाथ धर दीजिए।।









मैं कथा भी कहूँ तो सियाराम की
मैं भगति भी करूँ तो सियाराम की
सृष्टि राजेश दिखें सियाराममय
दास की दृष्टि में वो असर दीजिए


प्रार्थना हैं यही मेरी हनुमान जी
मेरे सर पर भी अब हाथ धर दीजिए।।


प्रार्थना है यही मेरी हनुमान जी
मेरे सर पर भी अब हाथ धर दीजिए
राम सीता का दर्शन कराके मुझे
मेरे सपने को साकार कर दीजिए
प्रार्थना हैं यही मेरी हनुमान जी
मेरे सर पर भी अब हाथ धर दीजिए।।
स्वर अंकुश जी महाराज।










prarthana hai yahi meri hanuman ji lyrics