प्रभु तुम अणु से भी सूक्ष्म हो भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










प्रभु तुम अणु से भी सूक्ष्म हो
प्रभु तुम गगन से विशाल हो
मैं मिसाल दूँ तुम्हे कौनसी
दुनिया में तुम बेमिसाल हो।।
देखे रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने।


हर दिल में तेरा धाम है
और न्याय ही तेरा काम है
सबसे बड़ा तेरा नाम है
जगनाथ हो जगपाल हो
मैं मिसाल दूँ तुम्हे कौनसी
दुनिया में तुम बेमिसाल हो।।


तुम साधको की हो साधना
या उपासको की उपासना
किसी भक्त की मृदु भावना
या किसी कवि का खयाल हो
मैं मिसाल दूँ तुम्हे कौनसी
दुनिया में तुम बेमिसाल हो।।









मिले सूर्य को तेरी रोशनी
खिले चांद में तेरी चांदनी
सब पर दया तेरी पावनी
प्रभु तुम तो दीन दयाल हो
मैं मिसाल दूँ तुम्हे कौनसी
दुनिया में तुम बेमिसाल हो।।


तुझ पर किसी का ना जोर है
तेरा राज्य ही सभी ओर है
तेरे हाथ सबकी ही डोर है
तुम्ही जिन्दगी तुम्ही काल हो
मैं मिसाल दूँ तुम्हे कौनसी
दुनिया में तुम बेमिसाल हो।।


जो खत्म ना हो वो किताब हो
बेशुमार हो बेहिसाब हो
जिस का कहीं ना जवाब हो
उलझा हुआ वो सवाल हो
मैं मिसाल दूँ तुम्हे कौनसी
दुनिया में तुम बेमिसाल हो।।


कोई नर तुझे न रिझा सका
तेरा पार कोई न पा सका
न पथिक वो गीत ही गा सका
जिसमें तेरा सुर ताल हो
मैं मिसाल दूँ तुम्हे कौनसी
दुनिया में तुम बेमिसाल हो।।


प्रभु तुम अणु से भी सूक्ष्म हो
प्रभु तुम गगन से विशाल हो
मैं मिसाल दूँ तुम्हे कौनसी
दुनिया में तुम बेमिसाल हो।।
गायक धीरज कांत।










prabhu tum anu se bhi sukshma ho lyrics