प्रभु के भजन में है कैसी शरम भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










प्रभु के भजन में है कैसी शरम
मिला देगा प्रभु से ये
मिला देगा प्रभु से ये
प्रभु का भजन
प्रभू के भजन में है कैसी शरम।।
तर्ज बहुत प्यार करते है।


शरम छोड़ मीरा ने
लिया एकतारा
द्रोपदी ने छोड़ लज्जा
प्रभु को पुकारा
बड़ा ही दयालु है
बड़ा ही दयालु है
ले ले शरण
प्रभू के भजन में है कैसी शरम।।


गणिका अजामिल को
जिसने है तारा
प्रह्लाद ध्रुव को है
जिसने उबारा
मिलेगा तुझे भी वो
मिलेगा तुझे भी वो
लगा ले लगन
प्रभू के भजन में है कैसी शरम।।









नरसी तुकाराम
भी थे गृहस्थी
चिंता ना घर की ना
संसार की थी
परेशानी प्रभु को थी
परेशानी प्रभु को थी
वो थे मगन
प्रभू के भजन में है कैसी शरम।।


प्रभु के भजन की है
महिमा निराली
बिना नाम जप के सब
गए हाथ खाली
नवरंग दुनिया ये
नवरंग दुनिया ये
झूठा भरम
प्रभू के भजन में है कैसी शरम।।


प्रभु के भजन में है कैसी शरम
मिला देगा प्रभु से ये
मिला देगा प्रभु से ये
प्रभु का भजन
प्रभू के भजन में है कैसी शरम।।













prabhu ke bhajan me hai kaisi sharam lyrics