पपैया पियाजी री वाणी मत बोलो भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










पपैया पियाजी री वाणी मत बोलो
दोहा प्रीतम प्रीत लगाय के
तुम दूर देश मत जाओ
बसों हमारी नगरी में
पिया हम मांगे तुम खाये।
कागा रे सब तन खाविये
कागलिया क्वार सब तन खावियो
म्हारा चुन चुन खाईजे मास
दो नैना मत खावजो
म्हाने पीया मिलन री आस।


जो कोई पियाजी री प्यारी सुने रे
देवे थारी चोच ने मरोड़
पपैया पियाजी री वाणी मत बोलो।।


चोंच कटावु पपैया थारी
ऊपर घालु लूण
पिवजी म्हारा मैं पीया री
तू कुन केवन वालो रे पपैय्या
पियाजी री वाणी मत बोलो।।









थारा वचन सुहावना
ऐ तू पीयू पीयू करे रे पुकार
चोंच मंडावु थारी सोवनी रे
तू म्हारे सिर रो मोड़ पपैय्या
पीयाजी री वाणी मत बोल।।


म्हारा पियाजी ने पत्तियां भेजू
ये तू पंछी ले जा
जाये पियाजी ने यू कहिजे रे
आप बिना धान नही भावे रे पपैय्या
पियाजी री वाणी मत बोलो।।


मीरा दासी व्याकुल भई
पिवजी मिला दे मोर
अरे वेगा मिलो रे म्हारा अंतर्यामी
तुम बिन रहियो नही जावे पपैय्या
पियाजी री वाणी मत बोलो।।


जो कोई पियाजी री प्यारी सुने रे
देवे थारी चोच ने मरोड़
पपैया पियाजी री वाणी मत बोलो
पपैया पियाजी री वाणी मत बोलो।।
स्वर प्रकाश माली जी।
प्रेषक श्रवण सिंह राजपुरोहित।
91 90965 58244










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