पिंजरा के पंछी बोले रही रही के कुण्डी खोले छत्तीसगढ़ी भजन - MadhurBhajans मधुर भजन










पिंजरा के पंछी बोले
रही रही के कुण्डी खोले
मोला पार लगादे राम
मोला पार लगादे राम
मोला जाना है
जाना है राम लाला के धाम।।


राम राम के नाम ला लेवत
फुर फुर में उड़ जाहु
कतको मोला पकड़बे तेहा
तोर हाथ नई आहु
कतको मोला पकड़बे मेहा
तोर हाथ नए आहु
तोर चरण मा में गिर जाहु
जीवन ला सुफल बनाहु
मोला पार लगादे राम
मोला जाना है
जाना है राम लाला के धाम।।


का करहु तोर रतन सिहासन
का तोर महल अटारी
मोर बर सब माटी के ढेला
सुनले रे संगवारी
मोर बर सब माटी के ढेला
सुन ले रे संगवारी
जब तोर संदेशा आही
सुवना मोर तन के उड़ाही
मोला जाना है
जाना है राम लाला के धाम।।


लाला चंचल राम दरश बर
जीवन भर गुन गाइस
राम नाम के महिमा गाके
दुनिया मा बगराईस
राम नाम के महिमा गाके
दुनिया माँ बगराईस
बेनाम के सुनले बानी
सुवना ये तन के परानी
मोला जाना है
जाना है राम लाला के धाम।।









पिंजरा के पंछी बोले
रही रही के कुण्डी खोले
मोला पार लगादे राम
मोला पार लगादे राम
मोला जाना है
जाना है राम लाला के धाम।।
गायक प्रेषक चंदन धीवर।
9098175777










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