फिर से सावन की रुत आई लख्खा जी भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










फिर से सावन की रुत आई
मौका चूक ना जाना भाई
दरबार में भोले शंकर के
गंगा जल भरके चलो
बम बम रटते चलो।।
तर्ज ये गलियां ये चौबारा


वो ही कांवर उठाकर आते
मेरे भोले जिसको बुलाते
शिव शंकर की बात निराली
कोई दर से लौटा ना खाली
जिसने प्रेम से नाम लिया है
भोले शंकर ने क्या ना दिया है
ना कोई भोले जैसा दानी
ना कोई भोले जैसा ज्ञानी
परिवार में भोले शंकर के
गंगा जल भरके चलो
बम बम रटते चलो।।


जिसपे भक्ति का रन्ग चढ़ा है
इस दुनिया में वो ही बड़ा है
भोले बाबा की की जिसने भक्ति
उसका काम ना कोई अड़ा है
देख एक बार कांवड़ उठा के
और मन से तू बम बम गाके
भोले बाबा को मनालो
फिर जो चाहो वो ही पालो
दरबार में भोले शंकर के
गंगा जल भरके चलो
बम बम रटते चलो।।









शिव है दाता है और जग है भिखारी
कहलाते है वो त्रिपुरारी
उनके दर की है अद्भुत माया
मेने क्या भी बाबा से पाया
चलो छोड़ो अब जग के झमेले
भरके गागर अब काँधे पे लेले
लख्खा राज की बात बताता
महिमा कावड़ की सुनाता
दरबार में भोले शंकर के
गंगा जल भरके चलो
बम बम रटते चलो।।


फिर से सावन की रुत आई
मौका चूक ना जाना भाई
दरबार में भोले शंकर के
गंगा जल भरके चलो
बम बम रटते चलो।।










phir se savan ki rut aai lyrics