पाती पढ़के राधा के यूँ बरसे ऐसे नैन की मानो भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










पाती पढ़के राधा के यूँ
बरसे ऐसे नैन की मानो
यमुना में बाढ़ आ गई
यमुना में बाढ़ आ गई।।
तर्ज तुमसे बढ़कर दुनिया में ना।


श्लोक पाती लैके श्याम की
उद्धव जी गए आए
पाती राधा के तुरत
दीन्हि हाथ थमाए।
पाती पढ़के राधा के यूँ
बरसे ऐसे नैन की मानो
यमुना में बाढ़ आ गई
यमुना में बाढ़ आ गई।।









पढ़कर के पाती राधा रोई
नैनन की निंदिया हाए खोई
बोली मन मोहन के जैसा
मैने हरजाई देखा नहीं कोई
परसो की कह के बरसो बीते
कर डाला बेचैन मानो
यमुना में बाढ़ आ गई
यमुना में बाढ़ आ गई।।


दर्शन की मैं तो हूँ दीवानी
सूरत कान्हा की मन लुभानी
प्यारे मन मोहन ने उधो
मेरी बिलकुल कदर ना जानी
विरह सतावे नींद ना आवे
तड़पत हूँ दिन रैन की मानो
यमुना में बाढ़ आ गई
यमुना में बाढ़ आ गई।।


आएँगे जो ना साँवरिया
लेंगे अगर ना खबरिया
उधो कहना श्याम से तुम जाके
रो रो हो जाऊँ बावरिया
श्याम विरह के गीत विजेंदर
लिखते लेकर पेन की मानो
यमुना में बाढ़ आ गई
यमुना में बाढ़ आ गई।।


पाती पढ़के राधा के यूँ
बरसे ऐसे नैन की मानो
यमुना में बाढ़ आ गई
यमुना में बाढ़ आ गई।।










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