पारवती शिवजी से बोली नीलकंठ योगेश्वर भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










पारवती शिवजी से बोली
नीलकंठ योगेश्वर
तुम किसकी पूजा करते हो
कौन है वो परमेश्वर
हर हर महादेव हर हर महादेव
हर हर महादेव हर हर महादेव
शिवजी बोले श्रष्टि कर्ता
जगत पति सर्वेश्वर
निशदिन जिनका ध्यान धरूँ मैं
वो है मेरे रामेश्वर
हर हर महादेव हर हर महादेव
हर हर महादेव हर हर महादेव।।


गौरी बोली वही राम क्या
दशरथ पुत्र अयोध्या वासी
चौदह बरस रहे जो बन में
लोग कहे जिनको वनवासी
शिवजी बोले सत्य कहा है
वही राम है दशरथ नंदन
ऋषि मुनि सब देवी देवता
कहते है उनको दुःख भंजन।
निराकार साकार हुए है
वो मेरे परमेश्वर
निशदिन जिनका ध्यान धरूँ मैं
वो है मेरे रामेश्वर
हर हर महादेव हर हर महादेव
हर हर महादेव हर हर महादेव।।


बोली सती ये भेद है गहरा
सकल जगत के प्राण अधारा
किस हेतु फिर लखन सिया संग
श्री राम वनवास सिधारे
सुनो उमा अब ध्यान लगा के
वो थी सारी राम की माया
रावण के संहार की खातिर
जगत पति ने खेल रचाया।







सदा सर्वदा पूज रहे है
वो मेरे हृदयेश्वर
निशदिन जिनका ध्यान धरूँ मै
वो है मेरे रामेश्वर
हर हर महादेव हर महादेव
हर हर महादेव हर हर महादेव।।


कहा उमा ने जान गई मैं
श्री राम है कर्ता कारण
मन की दुविधा दूर हुई है
शंका का अब हुआ निवारण
है पति परमेश्वर मेरे
परम सत्य है आपकी पूजा
सारा भरम मिटा इस मन का
आप राम का रूप है दूजा।
ब्रम्हा विष्णु स्वयं आप है
सर्व रूप महेश्वर
धन्य भई मैं पाकर तुमको
हे मेरे परमेश्वर
हर हर महादेव हर हर महादेव
हर हर महादेव हर हर महादेव।।


पारवती शिवजी से बोली
नीलकंठ योगेश्वर
तुम किसकी पूजा करते हो
कौन है वो परमेश्वर
हर हर महादेव हर हर महादेव
हर हर महादेव हर हर महादेव
शिवजी बोले श्रष्टि कर्ता
जगत पति सर्वेश्वर
निशदिन जिनका ध्यान धरूँ मैं
वो है मेरे रामेश्वर
हर हर महादेव हर हर महादेव
हर हर महादेव हर हर महादेव।।














parvati shivji se boli lyrics