परिवार का बोझा जो कंधो पर ढोता है भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
परिवार का बोझा जो
कंधो पर ढोता है
कोई और नहीं प्यारे
वो बाप ही होता है।।
परिवार की खातिर वो
जब घर से निकलता है
पैरो के तले अपने
अरमान कुचलता है
अरमान कुचलता है
हालात से जो अक्सर
करता समझौता है
कोई और नहीं प्यारे
वो बाप ही होता है।।
गंभीर दिखाई दे
बेटे की पढ़ाई पे
पत्थर भी मोम होता
बेटी की बिदाई पे
बेटी की बिदाई पे
सीने से लगा बेटी
वो फुट के रोता है
कोई और नहीं प्यारे
वो बाप ही होता है।।
दुनिया में पिता से ही
पहचान मिली हमको
सूरज सी चमकती जो
वो शान मिली हमको
सम्मान की माला में
प्रतिभा को पिरोता है
कोई और नहीं प्यारे
वो बाप ही होता है।।
हर दुःख हर चिंता को
हसकर के वो झेले
बच्चो पे मुसीबत हो
वो मौत से जा खेले
मेहनत के पसीने से
नरसी दुःख धोता है
कोई और नहीं प्यारे
वो बाप ही होता है।।
परिवार का बोझा जो
कंधो पर ढोता है
कोई और नहीं प्यारे
वो बाप ही होता है।।
9416241061
parivar ka bojha jo kandho par dhota hai lyrics