पन्ना कालीवा अंधियारी माँझल रात पन्नाधाय की मार्मिक कविता - MadhurBhajans मधुर भजन
पन्ना कालीवा अंधियारी माँझल रात
अंधियारी आधी रात
नन्हा सो ऊंधियो साथ
चितोड दुर्ग सु एकली चली
कुम्भलगढ़ सु चाल पड़ी।।
अरे मेवाड़ धरा रे उनवेल्या पर
राज करे बनवीर है माँ
अरे मेवाड़ धरा रे उनवेल्या पर
राज करे बनवीर
मार दियो छल सु विक्रम ने
उंधिया ताय अधीर
अर अर पन्ना खुद रा टाबर
अर अर पन्ना खुद रा टाबर
चंदन ने बुलवाया वो पालनीये पोढाया
चंदन पर देखो कटारी चली।।
आँसूडा आंख्या में रोकया
पन्ना तू बड़भागन है माँ
आँसूडा आंख्या में रोकया
पन्ना तू बड़भागन है
मेवाड़ धरा पर चंदन मारयो
तू अलबेली जामन है माँ
तू अलबेली जामन है
राख्यो आतम सिसोदिया कुल रो मान
नैना सु एक बूंद ना पड़ी।।
पन्ना कालीवा अंधियारी माँझल रात
अंधियारी आधी रात
नन्हा सो ऊंधियो साथ
चितोड दुर्ग सु एकली चली
कुम्भलगढ़ सु चाल पड़ी।।
8740040535
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panna kaliva andhiyari majhal raat lyrics