पंखिड़ा तू मोतियों की ला बहार रे भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
पंखिड़ा ओ पंखिड़ा
पंखिड़ा ओ पंखिड़ा
पंखिड़ा तू मोतियों की ला बहार रे
पंखिड़ा तू फूलों की ला बहार रे
मेरे वीर का है आज जन्मोत्सव रे
त्रिशला नंदन का है आज जन्मदिवस रे।।
नगरी नगरी में जाके बजा दे तू थाल
आज धरती पे जन्मे हैं त्रिशला के लाल
जिनको गोद में बिठाए हैं मेरु गिरिराज
जिनको न्हवन कराते हैं इंद्र महाराज
देव देवियां रुमझुम नाचे मंगल गावे रे
देव देवियां रुमझुम नाचे मंगल गावे रे
आज मेरे वीर का है जन्मोत्सव रे
त्रिशला नंदन का है आज जन्मदिवस रे।।
दूर पावन नदी से तू पानी ले आ
उनके प्यारे से चरणों में न्हवन करा
दूर अंबर से कोई सितारा तो ला
उनके माथे पे टीका लगाऊं जरा
चंपा चमेली फूलों का पालना रे
चंपा चमेली फूलों का पालना रे
सोए मेरे वीरजी मीठी नींद रे
सोए मेरे वीरजी मीठी नींद रे।।
जाके काली घटा से तू काजल ले आ
उनकी कजरारी आंखों में अंजन लगा
उनके केशुओं में चंदन की खुशबू बसा
उनके नाज़ुक से हाथों में राखड़ी सजा
हार लाओ कुंडल लाओ मुकुट लाओ रे
हार लाओ कुंडल लाओ मुकुट लाओ रे
मेरे वीर का मैं करूंगा श्रृंगार रे
मेरे वीर का मैं करूंगा श्रृंगार रे।।
पंखिड़ा ओ पंखिड़ा
पंखिड़ा ओ पंखिड़ा
पंखिड़ा तू मोतियों की ला बहार रे
पंखिड़ा तू फूलों की ला बहार रे
मेरे वीर का है आज जन्मोत्सव रे
त्रिशला नंदन का है आज जन्मदिवस रे।।
8010053155
pankhida tu motiyon ki la bahar re lyrics